1. निम्नलिखित में से सम संख्या कौन सी है - A) 765489 B) 445566 C) 880001 D) 976541 ANSWER= (B) 445566 Check Answer 2. निम्नलिखित में से चार अंको की सबसे बड़ी संख्या कौन सी है A) 9999 B) 1000 C) 1111 D) 9998 ANSWER= (A) 9999 Check Answer 2. निम्नलिखित में से चार अंको की सबसे बड़ी संख्या कौन सी है A) 9999 B) 1000 C) 1111 D) 9998 ANSWER= (A) 9999 Check Answer
chapter 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (Food and Human Health)
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अध्याय - 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य
(Food and Human Health)
पोषण - पोषण एक एसी प्रक्रिया हैं
जिसमे मनुष्य एसे पदार्थो को ग्रहण करता हैं जिससे उसकी समस्त जैविक क्रियाओ का
संचालन होता हैं |
संतुलित भोजन - वह भोजन जिसमे सभी
आवश्यक पोषक तत्त्व (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज-लवन, विटामिन तथा जल)
उपलब्ध हो संतुलित भोजन कहलाता हैं | संतुलित भोजन के लाभ -
1. शरीर मजबूत बनता हैं |
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती हैं |
3. दिमाग तेज तथा शरीर स्वस्थ रहता हैं |
कुपोषण - लम्बे समय तक जब पोषण में
किसी एक या अधिक पोषक तत्त्व कमी हो जाये तो उसे कुपोषण कहते हैं | इससे शारीरिक
तथा मानसिक दोनों प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं | कुपोषण के दो प्रमुख
कारण हैं -
1. सभी पोषक तत्वों का भोजन में पर्याप्त मात्रा में न मिलना |
2. बुरी आदतों के कारण संतुलित भोजन का उचित उपियोग नहीं होना |
कुपोषण के प्रकार -
Ø विटामिन कुपोषण
Ø प्रोटीन कुपोषण
Ø खनिज कुपोषण
विटामिन कुपोषण - विटामिन भोजन का एक
प्रमुख पोषक तत्त्व हैं विटामिन जीवन रक्षक होते हैं जो शरीर को सही ढंग से कार्य
करने की शक्ति देते हैं |
क्र.स.
|
विटामिन
|
कमी से होने वाला रोग
|
रोग के लक्षण
|
1
|
विटामिन A
|
रतौंधी
|
प्रकाश या रात में दिखाई नहीं देना |
|
2
|
विटामिन B1
(थायमिन )
|
बेरी बेरी
|
ह्रदय की धड़कन कम पेशीय तथा तंत्रिका कमजोर होना |
|
3
|
विटामिन B2
(राइबोफ्लेविन)
|
राइबोफ्लेविनेसिस
|
मुख के किनारों व हॉट की त्वचा का फटना, स्मृति में कमी |
|
4
|
विटामिन B5
(नियासिन)
|
पेलेग्रा
|
जीभ तथा त्वचा पर पपडिया पसना |
|
5
|
विटामिन C
(एस्कोर्बिक अम्ल)
|
स्कर्वी
|
मसूडो से खून आना, त्वचा पर चकते बनना |
|
6
|
विटामिन D
(केल्सिफिरोल)
|
रिकेट्स
|
पेरो की हड्डिया मुद जाती हैं |
|
प्रोटीन कुपोषण - प्रोटीन भोजन का
प्रमुख पोषक तत्त्व हैं यदि भोजन में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हो तो
व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो जाता हैं | प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग -
रोग का नाम
|
रोग होने का कारण
|
लक्षण
|
क्वाशिओरकोर
|
प्रोटीन की कमी से
|
1. बच्चे का पेट
फूल जाना, भूख कम लगना, स्वभाव चिड चिड़ा रहना |
2. त्वचा का पिली,
शुष्क, काली, धब्बेदार होकर फटने लगना |
|
मेरस्मस
|
प्रोटीन के साथ
उर्जा की कमी से
|
1. शरीर का सुख कर
दुर्बल हो जाना |
2. आँखों का अन्दर
की ओर धस जाना |
|
खनिज कुपोषण - खनिज लवण भोजन के
प्रमुख पोषक तत्त्व हैं यदि भोजन में खनिज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हो तो
व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो जाता हैं | खनिज प्रमुख तत्त्व, स्त्रोत एवं कार्य -
तत्त्व
|
कमी से रोग
|
लक्षण
|
लौह
|
रक्त हीनता
|
चेहरे का पिला पद
जाता हैं | |
|
केल्शियम
|
हड्डिया कमजोर
|
हड्डिया कमजोर तथा
भंगुर प्रकृति की हो जाती हैं |
|
आयोडीन
|
गलगंड (घेंघा)
|
थायराइड ग्रंथि की
क्रिया मंद पद जाती हैं |
|
जल -
1. यह शरीर की समस्त उपापचयी क्रियाओ को संपादित करने मे सहायक हैं |
2.इससे शरीर मे रेशों (फाइबर) की पर्याप्त मात्रा कायम रहती हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं और बीमारिया होने का खतरा कम रहता हैं |
3. प्रचुर मात्रा मे पानी पीने से शरीर मे अनावश्यक चर्बी जमा नहीं होती हैं |
4. नियमित भरपूर पानी पीने से पथरी होने का खतरा नहीं होता , आंतों की बीमारी नहीं होती आदि |
पीने योग्य जल के गुण -
1. जल का ph संतुलित होना चाहिए |
2. जल मे पर्याप्त मात्रा मे ऑक्सीजन घुली होनी चाहिए |
3. जल मे हानिकारक सूक्ष्म जीव नहीं होने चाहिए |
4. जल मे आँखों से दिखाई देने वाले कण नहीं होने चाहिए |
दूषित जल के दुष्प्रभाव -
1. दूषित जल से हैजा, पेचिस जैसी बीमारिया हो जाती हैं |
2. दूषत जल से वायरल संक्रमण हो सकता हैं |
3. वायरल संक्रमण के कारण हइपेटाइटिस, फ्लू, कॉलेरा आर पीलिया जैसी खतरनाक बीमारिया हो सकती हैं |
बाला या नारू रोग - यह रोग जल मे मादा कृमि के कारण होता हैं इसका रोग जनक ड्रेकनकुलस मेडइनेंसिस नामक कृमि हैं यह राजस्थान मे एक गंभीर समएसेरोगों से बचने के लिए पानी को छानकर, उबालकर ठंडा कर पीना चाहिए नदी तालाब इत्यादि मे स्नान एवं कपड़े धोने पर रोक लगानी चाहिए तथा समय समय पर इनकी सफाई होनी चाहिए |
मोटापा - जब शरीर मे अत्यधिक वसा जमा होने लगे तथा इससे शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़े तो व्यक्ति मोटापा का शिकार हो जाता हैं |
यक्ति के मोटापा का पता BMI (शरीर भार सूचकांक ) से लगाया जाता हैं | BMI व्यक्ति का भार तथा लंबाई का अनुपात होता हैं |
जब BMI 30 kg / वर्ग मीटर से अधिक हो तो व्यक्ति को मोटापा होता हैं |
मोटापा होने के प्रमुख कारण -
1. अधिक चर्बी युक्त भोजन करना
2. जंक फूड व कृत्रिम भोजन करना
मोटापे के दुष्प्रभाव -
मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हैं जैसे हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर आदि |
बहता हुआ रक्त जब रक्त वाहिनियों की दीवारों पर दाब डालता हैं तो इसे रक्त दाब कहते हैं |
रक्त दाब को मापने वाले यंत्र को रक्तचापमापी (स्फाइगनोमेनोमीटर) कहते हैं |
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nice
ReplyDeleteAvinashahare
DeleteThanks
ReplyDeleteSuper
ReplyDeleteGjb
ReplyDeletePlease video bhi banavo
ReplyDeleteThank
ReplyDeleteSuper sir
ReplyDelete