1. निम्नलिखित में से सम संख्या कौन सी है - A) 765489 B) 445566 C) 880001 D) 976541 ANSWER= (B) 445566 Check Answer 2. निम्नलिखित में से चार अंको की सबसे बड़ी संख्या कौन सी है A) 9999 B) 1000 C) 1111 D) 9998 ANSWER= (A) 9999 Check Answer 2. निम्नलिखित में से चार अंको की सबसे बड़ी संख्या कौन सी है A) 9999 B) 1000 C) 1111 D) 9998 ANSWER= (A) 9999 Check Answer
Posts
अध्याय -2 मानव तंत्र
- Get link
- X
- Other Apps

अध्याय - 2 मानव तंत्र शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कोशिका कहलाती है । समान रचना तथा समान कार्य वाली कोशिकाओं के समूह को उत्तक कहते हैं । बहुत से उत्तक मिलकर शरीर के अंगों का निर्माण करते हैं । शरीर के विभिन्न अंग किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए एक तंत्र का निर्माण करते हैं । पाचन तंत्र - भोजन के जटिल पोषक पदार्थों व बड़े अणुओं को विभिन्न रासायनिक क्रियाओं और एंजाइम की सहायता से सरल व छोटे अणुओं में बदलना पाचन कहलाता है तथा जो तंत्र का कार्य करता है उसे पाचन तंत्र कहते हैं । पाचन तंत्र के अंगों व ग्रंथियों के नाम - पाचन अंग - 1.मुख 2.ग्रसनी 3.ग्रास नली 4.आमाशय 5.छोटी आंत 6.बड़ी आंत 7.मलद्वार पाचन ग्रंथियां - 1)लार ग्रंथि - मनुष्य के मुख में 3 जोड़ी लार ग्रंथि पाई जाती है । A) कर्णमूल ग्रंथि B) कर्णपूर्व ग्रंथि C) अधो जंभ ग्रंथि • लार का मुख्य कार्य स्टार्च का पाचन, भोजन को चिकना व घुलनशील बनाना तथा दांत व जीभ की सफाई करना है । 2) अग्नाशय ग्रंथि - यह यकृत, ग्रसनी तथा तिल्ली से गिरी होती है यह एक मिश्रित ग्रंथि है अंत स्त्रावी हार...
Class 10th chapter 1 vedic maths (वैदिक गणित)
- Get link
- X
- Other Apps
वैदिक गणित के निरंतर प्रयोग से गणित मौखिक अभ्यास से ही की जा सकती है । वैदिक गणित से स्मृति का विकास होता है, इससे जिज्ञासा का भाव उत्पन्न होता है अंतः चेतना जागृत होती है अंतश्चेतना मानव के व्यक्तित्व और मस्तिष्क के विकास का आधार बनती है । कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं - बिंदु- किसी समतल में बना वह चिन्ह इसकी लंबाई, चौड़ाई तथा ऊंचाई नहीं होती है बिंदु कहलाता है। बिंदु दो प्रकार के होते हैं - (1) एकाधिक बिंदु - यह बिंदु संख्या के ऊपर लगते हैं इसका अर्थ होता है संख्या से 1 अधिक । (2) एक न्यून बिंदु - यह बिंदु संख्या के नीचे लगते हैं इसका अर्थ होता है संख्या से एक कम । पूर्वेण - पूर्वेण का अर्थ होता है समीप वाला या पड़ोसी , किसी संख्या का पूर्वेण सदैव बायीं संख्या होती है । पूर्वेण भी दो प्रकार के होते हैं (1) एकाधिकेन पूर्वेण - इसमें जिस संख्या का एकाधिकेन पूर्वेण पूछा जाता है उस संख्या के समीप वाली संख्या के ऊपर बिंदी लगाई जाती है साथ वह संख्या एक अधिक हो जाती है । (2) एक न्यूनेन पूर्वेण - जिस संख्या का एक न्यूनें पूर्वेण पूछा जाता है उस संख्या के समीप वाली संख्या के नीचे ...
Class 8th chapter 1 परिमेय संख्या
- Get link
- X
- Other Apps
वे संख्याएं जिन्हें P/Q के रूप में व्यक्त किया जा सके, जहां P तथा Q पूर्णांक संख्याएं और Q=0 नहीं हो उन्हें परिमेय संख्या कहते हैं । परिमेय संख्याओं पर संक्रियाएं - (1) योग का नियम - परिमेय संख्याओं को LCM लेकर जोड़ा या घटाया जाता है इसमें पूर्णांक संख्या के नियमों को ध्यान में रखा जाता है । (2) गुणन का नियम - परिमेय संख्याओं का गुणा करते समय अंश का गुणा अंश से हर का गुणा हर से किया जाता है । परिमेय संख्याओं के गुणधर्म - परिमेय संख्याएं योग, व्यकलन तथा गुणन के अंतर्गत संवृत होती है अर्थात उपर्युक्त संक्रियाओं को करने पर परिमेय संख्या ही प्राप्त होती है परंतु परिमेय संख्याओं का भाग करने पर सदैव एक परिमेय संख्या प्राप्त हो यह आवश्यक नहीं अतः परिमेय संख्याएं भाग के अंतर्गत संवृत नहीं है । परिमेय संख्याओं का योग क्रम विनिमय नियम का पालन करता है । परिमेय संख्याओं का व्यकलन क्रम विनिमय नियम का पालन नहीं करता है । परिमेय संख्याओं का गुणन क्रम विनिमय नियम का पालन करता है । परिमेय संख्याओं का भाग क्रम विनिमय नियम का पालन नहीं करता है । परिमेय संख्याओं का योग साहचर्य नियम का ...
अध्याय - 5 दैनिक जीवन में रसायन (Chemistry in Everyday Life)
- Get link
- X
- Other Apps

अध्याय - 5 दैनिक जीवन में रसायन (Chemistry in Everyday Life) &%% vEy {kkj yo.k %%& vEy %& os inkFkZ tks Lokn esa [kV~Vs vkSj uhys fyV~el i= dks yky dj nsrs gS vEy dgykrs gSA प्रबल अम्ल - HCl, H 2 SO 4, HNO 3 दुर्बल अम्ल - CH 3 COOH, H 2 CO 3 {kkj %& os inkFkZ tks Lokn esa dMos vkSj yky fyV~el i= dks uhyk dj nsrs gS {kkj dgykrs gSA प्रबल क्षार- NaOH , KOH दुर्बल क्षार - NH 4 OH, Mg(OH) 2